Aim: इस आर्टिकल को लिखने का मकसद है आपको बताना के AI (Artificial intelligence) kya hai? ye kaise kam karta hai? AI ke kon konse types hai, AI ke examples, AI ke applications वगैरा वगैरा।
ये तो आपने सुना ही होगा काम ही ज़िन्दगी है और ज़िन्दगी का दूसरा नाम काम है। सुबह उठने से ले कर रात को सोने तक हम कई काम करते है ये सारे काम या तो हम मैन्युअली करते है या फिर machines की मदद से। इन मशीनों का हमारी ज़िन्दगी में बोहोत importance है। क्यूंकि इनकी मदद से हमारा वक्त और म्हणत दोनों बचती है। लेकिन ये मशीने हमारी मदद के बिना नहीं चलती ।
कुछ लोगों ने ये सोचा के अब वो वक्त आ गया है जब मशीनों को बिना हमारी मदद के खुद बा खुद काम करना चाहिए इस तरह Automatic machines का चलन शुरू हुआ। इन आटोमेटिक मशीन्स में भी इंसान को कुछ न कुछ करना ही पड़ता था क्यूंकि वो अब भी इंसानी मदद पर depend थे तभी ये सोचा गया के कुछ ऐसा बनाया जाए जो बिलकुल इंसानी दिमाग की तरह सोच सके और काम कर सके और तब ही AI (artificial intelligence) का अविष्कार हुआ।
इस आर्टिकल को एक बार ज़रूर पढ़ें :
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AI meaning
AI in english | Artificial Intelligence |
AI in Hindi | कृत्रिम बुद्धिमत्ता |
AI in Urdu | مصنوعی ذہانت |
AI in Marathi | कृत्रिम बुद्धिमत्ता |
AI kya hai
AI या Artificial Intelligence को हिंदी में कृत्रिम होशियारी कहते है। आसान भाषा में कहें तो AI मतलब एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना है। इसके ज़रिये मशीनों (computer) को इंसानी intelligence दिया जाता है ताकि वो इंसानो की तरह सोच सके और काम कर सके। जैसे वौइस् रिकग्निशन, लर्निंग, प्लानिंग,समस्या को सुलझाना वगैरा।
यह इंसानो और जानवरों के द्वारा प्रदर्शित Natural intelligence के विपरीत Machines द्वारा प्रदर्शित intelligence है।
Artificial intelligence को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है।
ये computer system के ज़रिये ही किया जाता है. इस प्रोसेस के तीन steps है.
- learning
- Resoning
- Self-Correction
learning एक ऐसा प्रोसेस है जिसमे मशीनों के दिमाग में information डाली जाती है और उन्हें कुछ rules भी सिखाये जाते हैं जिससे की वो खुद से उन rules का पालन करके किसी दिए हुए काम को पूरा कर सके। जबकि Resoning के ज़रिये मशीनों को ये instruct किया जाता है की वो उन बनाये गए rules का पालन करके results के तरफ forward हो जिससे की उन्हें approximate या definite conclusion हासिल हो सके। और तीसरा है Self-Correction ये प्रोसेस में हुई गलतियों को सुधरता है।
अभी Artificial Intelligence बनाने के लिए बोहोत सारे experiments किये जा रहे है। इसके प्रशिक्षण में इसे मशीनों से अनुभव सिखाया जा रहा है, नए इनपुट के साथ तालमेल बनाने और इंसान जैसे काम को करने के लिए तैयार किया जा रहा है। तो कुल मिलाकर Artificial Intelligence के उपयोग से ऐसी मशीने बन रही है, जो अपने एनवायरनमेंट के साथ इंटरैक्ट करके प्राप्त डाटा पर खुद बुद्धिमानी से कार्य कर सकती है।
AI Kab Shuru hua | History of AI
1950 में Artificial intelligence रिसर्च की शुरुवात हो गई थी। लेकिन 1970 में इसे पहचान मिली। इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर और स्टोर्ड-प्रोग्राम कंप्यूटर के रिसर्च के साथ साथ ही AI के क्षेत्र में भी रिसर्च का काम शुरू हुआ। 1981 में सब से पहले इस फील्ड में जापान ने फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की थी। जिसमे supercomputers के विकास के लिये 10-वर्षीय कार्यक्रम बनाया गया।
इसके बाद भी कई दशकों तक एक कंप्यूटर किसी ह्यूमन माइंड की तरह सोच या कार्य कर पाए इसकी कोई कड़ी नही जुड़ पायी। आगे चलकर एक खोज जिसने AI के शुरुवाती विकास को बहुत हद तक बड़ाया वह Norbert Wiener द्वारा बनाई गई थी। इसके बाद कई देशों में भी इस पर काम शुरू किया जैसे की ब्रिटेन ने इसके लिये ‘एल्वी’ नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया।यूरोपीय संघ के देशों ने भी ‘एस्प्रिट’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने ‘माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी नामी संघ की स्थापना की।
AI बनाने का Maksad
AI बनाने का मकसद है Expert Systems बनाना। − कुछ ऐसे systems को बनाना जो की intelligent behavior प्रदर्शन कर सके। या जो की learn कर सके, demonstrate, explain, और अपने users को advice कर सके. दूसरा Main मकसद है Human Intelligence को Machines में implement करना – ये इस लिए के कुछ ऐसे systems बन सके जो इंसानों की तरह ही समझ, सोच, सिख, और behave कर सकें.
जैसा कि हम जानते है, कि AI पूरी दुनिया में सबसे शक्तिशाली और तेजी से बढ़ती टेक्नोलॉजी है। AI एक प्रकार की कृत्रिम चेतना (Artificial consciousness) है जो मानव के order देने पर काम करती है। भले ही Artificial intelligence इंसानो के ज़रिये बनाई गई है, लेकिन फिर भी AI इंसानो के मुकाबले में अधिक कुशल, बेहतर और कम खर्च में काम करती है। इसीलिए अब कई बिज़नेस इंडस्ट्री के फील्ड में AI को काम मे लिया जा रहा है।
अभी कुछ हद तक AI हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में आ चुकी लेकिन वो दिन दूर नही जब हम पूरी तरह से इस टेक्नोलॉजी का उपयोग करने लगेंगे। ये बात तो 100% सही है की AI का बहुत उज्ज्वल भविष्य है। future में ज्यादातर काम और कई fields AI के ऊपर depend होंगे। इसके साथ ही यह कयास भी लगाए जा रहे है, की यह मनुष्यों के जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है। तो चलिये अब आपको AI के कुछ लक्ष्यों को बताते है जिसे हासिल करके यह AI technology जल्द ही हम तक पहुच जाएगी।
dicision लेने की शक्ति बढ़ाना: AI का प्रथम लक्ष्य यही है, कि मनुष्यो की तरह सोचने वाली थिंकिंग मशीन को बनाया जाये। जो मानव की किसी भी समस्या को खुद से डिसिशन लेकर हल कर सके। इस दिशा में AI ने कुछ उपलब्धियां भी हासिल की है। अभी हाल में एक female AI Robot (Sophia) को बनाया गया। इसके पास कुछ हद तक डिसिशन मेकिंग पावर है और यह आपके किसी भी सवाल का जवाब आसानी से दे सकती है।
ऐसे ही कुछ AI Concept आपको स्मार्ट डिवाइस में भी देखने को मिलेंगे जैसे Google home, Siri, Alexa इत्यादि। हम इंसान किसी भी काम को करने में काफी आलसी होते है, जिसकी वजह से हमारा काफी वक्त बर्बाद होता है। और उनमे ज्यादा गलतियां भी होती है। इंसानो की इसी आदत को देखते हुवे AI researches इस दिशा में बहुत तेजी से काम कर रहे । इनका मूल मकसद AI को ऐसा बनाना है ताकि वो किसी भी कार्य को न्यूनतम गलती के साथ तेजी से कर पाये।
समय की बचत: जाहिर सी बात है, AI मनुष्यो की तुलना में काफी अधिक तेजी से काम कर सकता है। क्योंकि यह एक प्रकार की मशीन है, इसलिए यह काम करने में कभी नही थकता और हमारी तरह कभी ब्रेक भी नही लेता। इस विषय को देखते हुवे कई ऐसी AI मशीन बनाई जा रही है, जो जल्द ही मनुष्यों की जगह ले लेगी।
AI के Types
Artificial Intelligence के main दो categoreis में डिवाइड किया गया hai.
- Weak AI
- Strong AI
Weak AI
weak AI का दूसरा नाम narrow AI है। ये बस एक ही तरह के specific task कर सकते है। weak AI का बहुत बढ़िया उदहारण Virtual Personal Assistants such as Apple’s Siri है।
Strong AI
इस का दूसरा नाम general artificial intelligence है। इस type के AI System में generalized इंसानी intelligence होती है। अगर कोई difficult सा टास्क आजाये तो ये खुद से उसका solution निकाल सकता है.
Turing Test का इस्तेमाल 1950 में mathematician Alan Turing द्वारा ये जानने के लिए किया गया था की क्या Computers भी इंसानों के तरह सोच सकते हैं की नहीं।
Michigan State यूनिवर्सिटी के integrative biology and computer science and इंजीनियरिंग के assistant प्रोफेसर Arend Hintze ने AI को चार हिस्सों में Categorize किया है जो के निचे दिए गए है।
Type 1: Reactive machines
यह बहुत ही बेसिक मशीन होती है क्योंकि यह मेमोरी स्टोर नही करती है और किसी भी काम को करने के लिए अपने past experience का उपयोग भी नही कर पाती है। Reactive machines बस देख कर उस पर रिएक्ट करती है।
इसका एक उदहारण है Deep Blue जिसने शतरंज के ग्रांड मास्टर कास्परोव (Kasparov) को हराया.
Type 2: Limited memory.
इस प्रकार के AI systems काम करने के लिए अपने past experiences को इस्तमाल करते है और इन्हे अपने future decisions में apply करते हैं। इसका best example है self driving कार्स. कुछ decision-making functions को जो की autonomous vehicles में इस्तमाल किये जाते हैं उन्हें इसी प्रकार से design किया गया है.
ऐसे ही Observations को इस्तमाल कर भविष्य में होने वाले हादसों को कुछ हद तक रोका जा सकता है, जैसे की car को दुसरे lane में change करना. ये Observations permanently store नहीं होते.
यह ऐसे AI सिस्टम होते है, जो फ्यूचर डिसिशन को इन्फॉर्म करने के लिए पिछले अनुभवों का उपयोग कर सकते है। सेल्फ ड्राइविंग कार में कुछ डिसिशन मेकिंग फंक्शन्स को डिज़ाइन किया गया है।
Type 3: Theory of mind.
ये एक hypothetical concept पर बना हुआ है। जोकि ये दर्शाता है की दूसरों का अपना beliefs, desires and intentions होता है जो की उनके decisions में impact डालते हैं.
इस type के AI अभी दुनिया में मौजूद नहीं हैं.
Type 4: Self-awareness.
इस category के अंतर्गत AI systems की खुद की self awareness होती है, अपनी एक consciousness होती हैं. इस self-awareness की वजह से वो अपने current state को समझते हैं और दुसरे को एहसास को feel करते हैं. इस प्रकार के AI अभी इस दुनिया में नहीं हैं.
AI (Artificial intelligence) के Example
आज AI एक बहुत ही चर्चित विषय है। ये हमारी ज़िन्दगी का एक हिस्सा बन चूका है। आज हम किसी न किसी तरीके से Artificial Intelligence से जुड़े हुवे है और इसका फायदा भी ले रहे है। तो चलिये अब हम हमारी रोज़मर्राह की ज़िन्दगी में use होनेवाले AI example को देखेंगे जिस से आप और अच्छी तरह से समझ पाएंगे कि Artificial Intelligence किसे कहते है?
Machine Learning
हमें पता है computer काम करने के लिए programming language का use करता है लेकिन Machine Learning में computer बिना programming के काम करता है. Deep Learning में predictive analytics को ऑटोमेट किया जाता है।
Machine learning के कुछ algorithms हैं :
1. supervised learning
2. unsupervised learning
3. reinforcement learning
Robotics
Robotics में Robots की designing और manufacturing की जाती है।
क्यूंकि हम जानते है कुछ मुश्किल काम जो इंसान नहीं कर सकते वो र बोहोत आसानी से कर लेते है।
Natural language processing
Natural language processing (NLP) में किसी भी इंसानी भाषा को मशीन के द्वारा समझा जाता है ये काम computer program की मदद से किया जाता है।
Machine vision
इस तरीके में computer को visualization ability पैदा की जाती है। Machine Vision में computer visual infomations को camera की मदद से visual इंफोमशंस कंप्यूटर में capture की जाती है। और स्टोर होने के बाद analyze की जाती है। साथ साथ analog-to-digital conversion और digital signal भी किया जाता है।
AI के uses
- Buisnuss
- Education
- healthcare
- manufacturing
- law
- finance
Conclusion
इस article को पढ़ने के बाद ये तो clear हो ही गया है के AI (Artificial intelligence) kya hai ? ये कैसे काम करता है कहाँ कहाँ इसका use kiya jata hai.
हम ये कह सकते है की future में AI का चलन और ज़्यादा हो जाएगा और ये इंसानो से और ज़्यादा बेहतर काम कर पाएगा।
मेरी आप सभी से ये गुज़ारिश है की इस Article को आप ज़्यादा से ज़्यादा share करें ताकि सभी इसके बारे में जान सके।